लव-जिहाद: नाम बदलकर निकाह करने वालों के लिए बुरे दिन शुरु

उत्तर प्रदेश। जबरन धर्म परिवर्तन और लव-जिहाद के मामलों पर रोक लगाने के लिए बनाया गया उत्तर प्रदेश अवैध धर्म परिवर्तन विधेयक 2021 विधानसभा में ध्वनि मत से पारित हो गया है। योगी सरकार ने प्रदेश में धर्मांतरण जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए ये ड्राफ्ट तैयार किया था। ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021’ के मुताबिक, जबरदस्ती धर्मांतरण कराने वाले को अलग-अलग श्रेणी में एक साल से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। साथ ही कम से कम 50,000 रुपए का जुर्माना भी पीड़ित पक्ष को देना होगा।
बुधवार (फरवरी 24, 2021) को योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में अपने सबसे महत्वपूर्ण विधेयक उत्तर प्रदेश अवैध धर्म परिवर्तन विधेयक 2021 यानी एंटी लव जिहाद विधेयक ध्वनि मत से पारित किया। हालाँकि अभी यह विधेयक विधान परिषद में पास होने के बाद राज्यपाल के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। उसके बाद ही ये कानून का रूप लेगा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘ग्रूमिंग जिहाद (लव जिहाद)’ के खिलाफ बने विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 पर हस्ताक्षर कर इसे मंजूरी दे दी थी। इसके मुताबिक अगर कोई सामूहिक धर्म परिवर्तन करवाता है तो उसे 3 साल से 10 साल तक सजा दी जाएगी। अध्यादेश के उल्लंघन की दोषी किसी संस्था या संगठन के विरुद्ध भी सजा का प्रावधान होगा।
इसके अलावा कम से कम 50,000 रुपए का जुर्माना भी देना होगा। साथ ही, धर्म परिवर्तन में शामिल संगठनों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नाम छिपा कर छद्म नाम से शादी करने वालों को 10 साल तक की सज़ा मिलेगी। इसके साथ ही यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में होगा और गैर जमानती (Non Bailable) होगा। अभियोग का विचारण प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में किया जाएगा। अध्यादेश के अनुसार, नाबालिग लड़की, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की महिला का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने के मामले में कम से कम दो वर्ष तथा अधिकतम 10 वर्ष तक का कारावास तथा कम से कम 25 हजार रुपए जुर्माना होगा।
योगी आदित्यनाथ ने पहले ही कहा था, “यह अध्यादेश ऐसे लोगों के लिए चेतावनी है, जो अपनी पहचान छिपा कर हमारी बहनों के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास करते हैं। हमने जो कहा था, वह करके दिखाया है। साथ ही यह भी कहने के लिए आए हैं कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश दिया है शादी ब्याह के लिए धर्म परिवर्तन आवश्यक नहीं है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए और न ही इसे मान्यता मिलनी चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार भी निर्णय ले रही है कि हम लव जिहाद को सख्ती से रोकने का प्रयास करेंगे।”